Manoj Tripathi

“इस पुस्तक ने मुझे पहली बार यह एहसास कराया कि जीवन को बदलने की नहीं, देखने के दृष्टिकोण को बदलने की ज़रूरत है।”

— मनोज त्रिपाठी , वाराणसी
Shweta Kulkarni

“मैंने बहुत किताबें पढ़ीं, लेकिन यह किताब मेरे दिल तक पहुँची। हर अध्याय मेरे ही प्रश्नों का उत्तर देता है।”

— श्वेता कुलकर्णी , नागपुर
Anil Joshi

“इसमें जो सरलता और गहराई है, उसने मेरे भीतर की बेचैनी को मौन में बदल दिया।”

— अनिल जोशी , भोपाल
Priya Mathur

“यह पुस्तक दिखाती है कि सत्य अभी, इसी क्षण अनुभव किया जा सकता है।”

— प्रिया माथुर , अहमदाबाद
Rahul Sen

“हर पेज पर लगा जैसे कोई दर्पण सामने रख दिया हो। मैंने खुद को पहली बार इतनी गहराई से देखा।”

— राहुल सेन , कोलकाता